पागलनामा पार्ट नाइन

एक फलाने हैं जो चिलाने से मिलकर ढिमकाने को निपटाने में लगे हैं । विष्णु मुद्रा में लात पसार कर सोये हुए लोग अपना अवतार भेज कर काम करा रहे हैं । अवतार के साथ वरदान का पैकेज भी होता है । कभी वामन तो कभी रावण बनकर ये लोग काम करते हैं । राजनीति खाजनीति है । लोशन ही लोकतंत्र है । चुनाव आयेगा वोट मांगेगा तुम नोट से फंसना ज़रूर । उत्तराखंड की तबाही कवर करने गया रिपोर्टर पाँच किमी चल कर बड़ा काम कर गया है । मरे हुए लोगों के बीच वो जान पर खेल रहा है । पीठ ठुकाई हो रही है । तबाही की दो सौ कहानियों का स्पीड न्यूज़ बन चुका है । लेदी( चारा) की तरह ख़बरें कट रही हैं । दर्शक गाय की तरह टीवी की नाद में मुड़ी गड़ाये है । हनुमान चालीसा का एप्स बन गया है । स्टीव जाब के एप्पल फ़ोन पर चालीसा सुनो । कुंडली का भी पचपन रुपये का एप्स है । निर्मल बाबा टीवी पर आ गया है । तुम आयफोन पर चले जाओ । सोसायटी का मकान श्मशान लगता है । बूढ़े लोग टहलते जा रहे हैं । देश कौन चलायेगा । इसकी चिन्ता अख़बार से उठा लेते हैं । टीवी देख देख कर ज़ालिम लोशन हुए जाते हैं । खजुआते हैं फिर सहलाते हैं । हर दलील एक लोशन है । लोशन ही लोकतंत्र है । एंकर पिटी हुई फ़िल्म का हीरो है । प्रेशर कूकर के विज्ञापन का नायक है । पत्नी कूक करती है और एंकर नायक ठूंस कर मोटाता है । भारत को विश्व विजेता और विश्व गुरु होने की कुंठा ठेले जाते हैं । चीन होना ही होगा भारत को । वर्ना चीन कोई और हो जाएगा । चीन बनाने के लिए नेता पैदा हो रहे हैं । रात की बहस मरघट में जलती लकड़ियों की चरमराहट है । खोपड़ी फटती है और फट फुट की चिंगारी से हंगामा होता है । ब्रेक आ जाता है । देश में भ्रष्टाचार बहुत फैल गया है । जिन राजनीतिक दलों ने उसे फैलाया वही दूर करने का झंडू बाम बेच रहे हैं । बाम वाले तामझाम रोप रहे हैं । दर्शक खजुआते रह जाते हैं । देश पागलपन के दौर से गुज़र रहा है । प्रेमचंद पढ़कर हिन्दी बोलने वाला पाठक हो गया । बाँध बना बना कर हर ललिल का निबंध कर देता है । हर निबंध एक प्रबंध है । डिपार्टमेंट का गंध है । बोलने और हगने की एक ही शैली हर दिशा में है । हिन्दी पत्रकारिता फ़ेल हो चुकी है । हिन्दी के अख़बार प्रेम पत्र लगते हैं और चैनल मधुमति के गाने । इंडिया गेट पर विजय चौक क्यों हैं ? इस देश में हिन्दू और मुसलमान क्यों हैं । हिन्दू में मुसलमान और मुसलमान में हिन्दू क्यों नहीं हैं । पैराग्राफ़ मत बदलो । व्याकरण सबसे भ्रष्ट प्राधिकरण है । व्याकरण वाले लिंग निर्णय कराते हैं । अर्थ का राम नाम सत्य गाते हैं । मरी हुई भाषा के ज़िंदा लोग श्राद्ध खा रहे हैं । देश को विश्व गुरु नहीं बना पा रहे है । चेलों के जगत को जगत गुरु बनायेंगे, सौंगंध दुर्गन्ध की खाते हैं हम चीन बन जायेंगे । कोयले की दलाली में काला होकर भी सफ़ेद कुर्ता पहने नेताओं के गर्भ में ग्रोथ रेट पल रहा है । भ्रूण परीक्षण पर रोक लगाकर सब निश्चिंत हैं । किसी को क्या पता बेटा है कि बेटी है । यहाँ भी लिंग निर्णय है । निर्णय पर रोक है । भारी बारिश हो रही है । तानसेन का तानपुरा फट गया है । रहमान का घटिया म्यूज़िक शोर मचाये है । जाति जाति गिनती है । हाँ जी हाँ जी चलता है । लोकतंत्र तंत्र मंत्र है । झाड़ फूँक के लिए ओझाओं का जंत्र है । चौथा खंभा धँस गया है । इसी पर कबूतर हग रहा है । हम कितना अच्छा काम करते हैं कहने वाला कोई नहीं ।  कथा बांचने का कुछ तो श्रेय दे दो । वर्ना पहाड़ धँसने से पहले क्या हम अच्छा काम नहीं कर रहे थे । स्पीड न्यूज़ ही नियति है । जो रचेगा स्पीड न्यूज़ वही बचेगा मुक्ति बोध । नागार्जुन ठेला गए हैं ट्वीटर पर । बिजली आती नहीं है । जो विष्णु है वही सफल है । विष्णु न करवट बदलते हैं और न पैराग्राफ़ । अवतार का पैकेज भेज कर लोकतंत्र में नायक पैदा करते हैं । ब्रह्मा चुप हैं । शंकर तांडव कर रहे हैं । महामृत्युंजय का जाप करो । चाँदनी चौक से रोल गोल्ड का लौकेट ले आओ । पत्रकार को खत लिखो । भारत महान की दशा पर । बीस बीस पेज का । पैराग्राफ़ मत बदलो । चैनल बदलो । डाक टिकट जमा करो । आधी बात कान में बाक़ी बात श्मशान में । फ़लाना मिल गया चिलाना से । ढिमकाना ढह गया मलियाना में । 

8 comments:

S. M. Rana said...

Jwar ki tapish mein guzarti hui aakrityan ke samaan yeh TV screen pe tez raftaar se badalti hui nirarth rangeen parchaian aur shor gul...

anuj sharma fateh said...

जय हो .........हो गया काम ......... मिल गया आराम ................ बाकी बचा राम नाम ..................... सत सत सत

sure376 said...

Dekho ji hindustan mein dusre ke dukh ko dekhkar pehli pratikriya yehi hoti hai achcha hua mai bach gaya... Har admi ek avtar ka intejar karta hai jo aakar sab thik kare.. Khud sadak par gire ko uthane mein bhi jhanjhat samajhta hai.. Yaha sushashan ka matlab yeh hota hai ki 5 saal raaj chala koi choo bhi nahi hui..chahe kitni nirbhaya lutte saath saath khazaana bhi..

sure376 said...

Dekho ji hindustan mein dusre ke dukh ko dekhkar pehli pratikriya yehi hoti hai achcha hua mai bach gaya... Har admi ek avtar ka intejar karta hai jo aakar sab thik kare.. Khud sadak par gire ko uthane mein bhi jhanjhat samajhta hai.. Yaha sushashan ka matlab yeh hota hai ki 5 saal raaj chala koi choo bhi nahi hui..chahe kitni nirbhaya lutte saath saath khazaana bhi..

sure376 said...

Dekho ji hindustan mein dusre ke dukh ko dekhkar pehli pratikriya yehi hoti hai achcha hua mai bach gaya... Har admi ek avtar ka intejar karta hai jo aakar sab thik kare.. Khud sadak par gire ko uthane mein bhi jhanjhat samajhta hai.. Yaha sushashan ka matlab yeh hota hai ki 5 saal raaj chala koi choo bhi nahi hui..chahe kitni nirbhaya lutte saath saath khazaana bhi..

ritesh kumar said...

बातों मे छिपे रहस्‍य हैं हर रहस्‍य एक हास्‍य है चीन स्‍वर्ण है भारत कांस्‍य है जोशी जी बह गए कांशी जी बच गए बचे हुए को बचाना है मिल बांट कर खाना है जंगल मे आग लगी है बुझाने के लिए हेल कप्‍टर भेजो नही शायद बाढ आई है तीन का मोटर लगा दो पानी को विदर्भ की ओर ठेलो कस्‍बे के गांव मे दूर गगन की छांव मे पागलनामा चल रहा है शायद सूरज ढल रहा है नौवां हुआ है ग्‍यारह तक जाएगा नौ दो ग्‍यारह का परचम लहराएगा अल्‍प विराम भी बडा हो गया है लिखने मे समय लगता है

Unknown said...

Google Adsenes Approval For Rs.300 Only (For blogspot alone) Make ur Blogspot a money making website

Google adsense terms have been strict for india for the last few years.So,it may be difficult to get adsense account in india for you,it takes 6 moths or later,....
But don’t worry we will get you adsense approval within 6 Hours

You can pay after I show you your new gmail adsense account screenshot. You can then link your account with blogger

If you need adsense for your blogspot mail me : gillysachin@gmail.com

Unknown said...

kya karen hum to sanatani parampara ke vahak hai avtar hoga vahi sab karega aur hum to sirf uski jaykar karenge kyoki hum to kuch karte nahin jo karna avtar hi karega jayho to aapki bhi jo pagalpan mein sahi kahte to thik hai