क्रिकेट का फोर ट्वेंटी

हर चौके छक्के पर उत्तम नाच की व्यवस्था। अब दिन भर का नहीं ये तीन घंटे का मनोरंजन है। अरे भाई देखता नहीं क्या। ध्यान मत बंटाओ मैच अभी खत्म हुआ जाता है। स्वागत है आपका बीस बटा बीस में। टेस्ट क्रिकेट से वन डे और वन डे से हाफ डे। क्या बात है क्रिकेट फटाफट नहीं झटाझट है रे। देखा पहले ये लोग कितना धीरे धीरे खेलते थे। जमते थे। फिर दौड़ते थे। अब तो बेटा उतरो और मारो। नहीं तो जाओ मैदान से बाहर। क्रिकेट का मैच है कोई नेट प्रैक्टिस नहीं। मारो नहीं तो मरो।

दुनिया बदल गई है। हम एसएमएस में बात करते हैं। कपड़े कम पहनते हैं। खाना कम खाना चाहते हैं। बात नहीं करना चाहते हैं। तो ये दिन भर मैच देखने की चाहत कैसे बची रह सकती है। और पहले तो कमा के चल देते थे भाई लोग। कुछ लुटाते भी नहीं थे। अभी देखिये तो हर छक्का पर छौड़ा छौड़ी का डांस फ्री में अलग। कल को यह डांस भी प्रायोजित होगा। धोनी के छक्का मारने पर यह डांस हो रहा है साधु यादव की तरफ से। चौके का यह डांस राजा भैया की तरफ से है भैया। छमिया नाचेगी और बबुआ शाट लगाएगा। क्या मजा है रे। पहले तो मजा ही नहीं था। अब हो गया है। कइसन रिलायंस छौड़िया सब को नचा रहा था। कोई बोला कि डांस का प्रयोजन होता है तो प्रायोजक न होगा का जी। क्या विश्व कप है। कल को बेंड इट लाइक बेकहम नीयत गेल भैया धोनी का बलवा धर पटक ही देंगे। इहे होगा। तभी न अंपायर को सीटी मिलेगा। बजा बजा के बाहर करेगा। खिलाड़ी को लाल कार्ड दिखाओ। जइसन इंडिया में लोग मनमोहन सिंह को लाल कार्ड दिखाते फिर रहे हैं।

कहते थे कि फुटबाल कोई खेला है। फुटबाल बोला कि क्रिकेट कोई खेला है। फुटबाल ने अइसन पटकनी दी है क्रिकेट को कि दिमागे ठंडा हो गया। फुलपैंट को काट कर हाफ पैंट कर दिया। फुटबाल वालों ने अपना उतरन पहनवा दिया क्रिकेट को। ड्रेसिंग रूम में सजते थे भाई लोग। चल इहां मैदान में। इहें बैइठ। आउट होगा तो दौड़ल जाएगा मैदान पर। फुटबाल तो हरा दिहिस क्रिकेट को जी। अब का करोगे। ट्वेंटी ट्वेंटी का फोर ट्वेंटी कर दिया इ तो।

खिलाड़ी नहीं बाबू दर्शक का भी हुलिया बदल गया। उ लोग भी फुटबाल के मैच की तरह हू हा हो कर रहे थे। दर्शक बलून लेकर बइठा था हो। कद्दू नीयत बलून लेकर। बूम बाम टकरा कर मज़ा ले रहा था। लग रहा था कि इस मैच के लिए क्रिकेट के नहीं फुटबाल के दर्शकों को भाड़े पर लाया गया था। कैमरा भी कइसन छमक रहा था जी। मार लचक लचक के घूम रहा था। उफ मस्ती आ गया जी। क्रिकेट का कट टू कट हो गया है। हमरे स्पोर्ट्स संवाददाता विमल भैया कहिन कि इ त फ्यूचर है। हम बोल दिये। देख हो विमल भैया फ्यूचर में का है कोन जाने हे। फ्यूचर में तो टास में ही मैचवा फरिया जाएगा। उ हे रीयल ट्वेंटी ट्वेटी होगा। बीसे मिनट में मैच फिनिस।

जोहानिसबर्ग में औपनिवेशिक क्रिकेट का आधुनिकीकरण अब हुआ है। बिना गान्ही बाबा के। हम तो सोच रहे है। एक और बात। टेस्ट से लेकर वन डे तक में भाई लोग जो रिकार्ड बनाए हैं। उ का होगा। उसको देश के किसी सचिवालय में भेज दीजिए। उहां किरानी बाबू और मूस मिल कर बेच खाएंगे या कतर खाएंगे। रिकार्ड बना रहे थे तेंदुलकर जी। धुत। ट्वेंटी ट्वेंटी देखे कि नहीं। जय हो जय हो। क्रिकेट फुटबाल और बेसबाल के करीब आ गया। अब तो बस बैटवा मुगदर नीयत न हो जाए ओकरे डर है। का हो विमल भैया। का कहते हैं।

6 comments:

Pratik Pandey said...

बल्ला मुगदर बन जाए तो अपने देसी पहलावानों को काम मिल जाएगा। आज-कल कुश्ती तो कोई देखता नहीं है, इनसे बल्लेबाज़ी ही करा लिया करेंगे।

नितिन सुखीजा said...

छौड़ा छौड़ी जौन मंच पर नाच रहे रहिन....ऊ रिलायंस फोन का रहे...
कर लीन्है दुनिया मुठ्ठी में.

Rakhee said...

20-20 cricket aa jane se one days ki lokpriyata par zarur asar padega.. dekhnewali baat ye hogi ki 20-20 world cup ke baad sachin, saurav aur dravid jaise senior khiladion ka bhavishye kya hoga...

ढाईआखर said...

ये बाज़ार का खेल है।... जितना न हो जाये... कम है... शील अशलील की नयी परिभाषा गढ़ी जा रही है... क्रिकेट के बल्ले या गेंद के घूमने की कम... कैमरे के घूमने का ज्यादा इंतजार... घूमता कैमरा... घूमती स्त्री काया। देखना तो यह है कि जब इस देश में ...‍फोर ट्वेंटी होगा तो इस काया का क्या होगा। यह है जेंटिल मैन गेम। बाज़ार के हाथ में खेलता खेल।

Chandan Pratap Singh said...

रवीश, बहुत अच्छा लिखा है। पढ़कर मज़ा आ गया। बस , ऐसे ही लिखते रहिए। हम बांचते रहेंगे। चंदन प्रताप सिंह।
www.hinditvmedia.blogspot.

rajesh said...

fatafat ka jamana hai sab kuch fatafat chahiye